डेंगू ऐसा संक्रमण है जिसमें प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं। इसमें इम्यूनिटी लेवल बिल्कुल लो हो जाता है। इस बीमारी में जरा सी भी लापरवाही मरीज के लिए जानलेवा हो सकती है। इसलिए आपके घर में अगर इससे कोई पीड़ित है तो उसका खास ख्याल रखना बहुत जरूरी होता है वरना सेहत ज्यादा बिगड़ सकती है।
इस लेख में होम्योपैथिक चिकित्सक और भारत सरकार के आयुष मंत्रालय सी सी आर एच के वैज्ञानिक सलाहकार मंडल के सदस्य डॉ. ए.के. द्विवेदी से जानिए डेंगू के मरीज को क्या-क्या सावधानियां इस दौरान बरतनी चाहिए ताकि वो जल्दी ठीक हो सकें। डॉ. द्विवेदी के अनुसार बीमारियों के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए। सबसे अहम बात यह है कि डेंगू और चिकनगुनिया दोनों ही रोगों में रोगी के कम हुए प्लेटलेट्स, तेजी से बढ़ाना जरूरी है। इस कार्य में होम्योपैथी दवाएं अत्यंत प्रभावकारी साबित होती हैं।
डेंगू बुखार के लक्षण
डेंगू बुखार के लक्षण, जो आमतौर पर संक्रमण के चार से छह दिन बाद शुरू होते हैं और 10 दिनों तक रहते हैं, इसमें शामिल हो सकते हैं:
- अचानक तेज बुखार (105 डिग्री)
- गंभीर सिरदर्द
- आँखों के पीछे दर्द
- गंभीर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- दस्त होना
- त्वचा पर लाल चकत्ते, जो बुखार आने के दो से पांच दिन बाद दिखाई देते हैं
- हल्का रक्तस्राव (जैसे नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून आना, या आसान चोट लगना)
डेंगू बुखार के उपचार के लिए अनेक विकल्प
डेंगू बुखार के इलाज में रोगियों को बेहतर महसूस करने और ठीक होने में मदद करने के लिए कई विकल्प शामिल हैं,
हाइड्रेशन: डेंगू बुखार से निपटने के दौरान हाइड्रेटेड रहना महत्वपूर्ण है। बहुत सारे तरल पदार्थ जैसे पानी, नारियल पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स वाले पेय पीना महत्वपूर्ण है। यह शरीर के खोए हुए तरल पदार्थ को भरने में मदद करता है, वायरस के खिलाफ आपकी लड़ाई का समर्थन करता है और आपकी वसूली में सहायता करता है।
आराम करें: भरपूर आराम करके अपने शरीर को मरम्मत के लिए आवश्यक समय दें। इसे आराम से लेने और खुद को आराम करने देने से आपके शरीर को डेंगू वायरस से लड़ने पर ध्यान केंद्रित करने और ताकत हासिल करने में मदद मिलती है।
दर्द निवारक दवाएं: डेंगू बुखार तेज बुखार और बेचैनी पैदा कर सकता है। अहम बात यह है कि डेंगू के रोगी के कम हुए प्लेटलेट्स, तेजी से बढ़ाना जरूरी है। इस कार्य में होम्योपैथी दवाएं अत्यंत प्रभावकारी साबित होती हैं। वहीं एस्पिरिन या इबुप्रोफेन से बचें, क्योंकि वे रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन (गंभीर मामलों में): गंभीर डेंगू के मामलों में प्लेटलेट काउंट में महत्वपूर्ण गिरावट आ सकती है। प्लेटलेट के स्तर को फिर से भरने के लिए प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन आवश्यक हो सकता है, शरीर को थक्का जमाने में मदद करता है और अत्यधिक रक्तस्राव को रोकता है।
सहायक देखभाल: डेंगू बुखार में मतली, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण हो सकते हैं। उचित द्रव संतुलन और इलेक्ट्रोलाइट स्तर बनाए रखना महत्वपूर्ण है। हेल्थकेयर प्रदाता आपको हाइड्रेटेड रखने और शरीर के संतुलन को बनाए रखने के लिए अंतःशिरा तरल पदार्थ या मौखिक पुनर्जलीकरण समाधान प्रदान कर सकते हैं।
इन उपचार विकल्पों पर विचार करके और निवारक उपायों का पालन करके, आप डेंगू बुखार से ठीक होने की संभावना बढ़ा सकते हैं और अपने स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।
डिस्केलमर – लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें। आप चाहे तो एडवांस होम्यो हेल्थ सेंटर एंड होम्योपैथिक मेडिकल रिसर्च की टीम से अपने स्वास्थ्य संबंधी चिंता पर चर्चा कर उपचार शुरू कर सकते हैं। इसके लिए 0731-4064471, 4989287, 98260-42287,99937-00880 पर संपर्क कर डॉक्टर से अपाइंटमेट ले सकते हैं।